Na to Roop hai, Na toh rang hai (Lyrics)
One of the most beautiful bhajan I encountered . This Bhajan is written by Shri Bindu Goswami. It elucidates that we are full of deficiencies, yet given a chance for salvation.
न तो रूप है न तो रंग है , न गुणों की कोई भी खान है |
न तो रूप है न तो रंग है , न गुणों की कोई भी खान है |
मेरे श्याम कैसे शरण में लें, इसी सोच में मेरे प्राण हैं |
न तो रूप है , न तो रंग है ||
नफ़रत है जिनसे उन्हें सदा, उन्ही अवगुणों में मैं हूँ बंधा |
कभी कुटिलता है कपट भी है, मद भी है और अभिमान है |
मेरे श्याम कैसे शरण में लें इसी सोच में मेरे प्राण है |
न तो रूप है न रंग है |
मन क्रम वचन से विचार से लगी लौह इस संसार से,
पर स्वप्न में भी तो भूल कर कभी उनका कुछ भी न ध्यान है|
मेरे श्याम कैसे शरान में लें , इसी सोच में मेरे प्राण हैं ||
न तो रूप है, न रंग है |
सुख शान्ति की तो तलाश है , साधान न एक भी पास है |
न तो योग जप तप कर्म है न तो धर्म पुण्य ही दान है |
मेरे श्याम कैसे शरण में लें इसी सोच में मेरे प्राण है ||
न तो रूप है, न रंग है |
एक आसरा है तो है येही, क्यों करेंगे मुझपे कृपा नहीं |
एक दीनता का हूँ बिंदु मैं , वोह दयालाता के निधान है |
मेरे श्याम कैसे शरण में लें, इसी सोच में मेरे प्राण है ||
न तो रूप है न रंग है ....
Most beautiful ...
amazing bhajan by bindu ji love it
ReplyDeletejai shree radha raman !!
Best bhajan for full devotion in krishnA.
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